Tuesday, 11 April 2023

मोदी जी को सत्ता में वापस लाना हम भारतीयों के लिए क्यों अति आवश्यक है।

जैसा कि हम सभी जानते है अंग्रेजो के काले कानून से तो हमें 1947 में आजादी मिल गई थी लेकिन अंग्रेजो और भारत के शीर्ष नेताओं के बीच "ट्रांसफर ऑफ पावर" का जो समझौता पत्र हस्तांतरित हुआ था जिस पर नेहरू जी ने भारत के शीर्ष नेता के रूप के साइन किया था उसे आज तक हिन्दुस्तानियों से छिपाकर रखा गया, उसका कारण था कि अंग्रेजों ने शर्त रखा था की 1947 से 50 सालों तक भारत सरकार पेपर को सार्वजनिक नहीं करेगा और इसमें संसोधन का अधिकार भारतीय संविधान के अनुसार भारतीय संसद, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवम संविधान के अनुच्छेदों 366, 371, 372, 395 के पास भी नहीं दिया गया। 
जिसके परीणाम स्वरूप, 1947 से लगातार देश के खजाने से प्रतिवर्ष 10 अरब रुपये पेंशन के रूप में ब्रिटेन की महारानी के कोष में उनके जीवन काल तक जा रहा था जो उनके मृत्यू के पश्चात अब कानूनी प्रक्रिया की वजह से रुका है और यदि मोदी जी वापस लौटते है तो निश्चाय ही इस व्यव्स्था को संविधान संशोधन कर हमेशा के लिए रोक दिया जाएगा।
समझौते के तहत भारत प्रति वर्ष 30 हजार टन गौ-माँस भी ब्रिटेन को देने के लिए बाध्य है।
भारत अपना राजदूत (एम्बबेसड) अमेरिका, जापान, चीन, रूस, जर्मनी जैसे देशों में तो नियुक्त करता है… ..... लेकिन श्रीलंका, पाकिस्तान, कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंडोनेेशिया, सिंगापुर आदि देशों में राजदूत नही यहां केवल उच्चायुक्त ही नियुक्त कर सकता है।

आखिर ऐसा क्यों.? ऐसा इस लिए, क्यों कि
भारत समेत 54 देशों को कॉमनवेल्थ कंट्री के नाम से जाना जाता है, इंडिपेंडेंट नेशन के नाम से नहीं ? क्यों कि
ब्रिटिश नैशनैलिटी अधिनियम 1948 के अन्तर्गत कॉमनवेल्थ का अर्थ होता है "सयुंक्त सम्पत्ति" जिसके तहत हर भारतीय,आस्ट्रेलियाई, कनेडियन,चाहे हिन्दू हो मुसलमान या ईसाई, बौद्ध या सिक्ख आज भी कानूनन ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ के ग़ुलाम हैं और उनके मरने के बाद अब उनकी जगह किंग चार्ल्स 3 के गुलाम हैं।

सन् 1997 में "ट्रांसफर ऑफ पावर" सहमति पत्र ( जो एक गोपनीय समझौता ) के 50 साल पूरे होने से पहले ही इसको सार्वजनिक होने से रोकने हेतु सोनिया गांधी ने तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्द्र कुमार गुजराल द्वारा इसकी अवधि 2024 तक बड़ा दी थी जिसे 2024 में पुन: सार्वजनिक होने के डर से भारत विरोधी शक्तियां मोदी जी का विरोध कर रही हैं ताकि 2024 में भी यह सार्वजनिक न हो पाये और देश के खजाने से 10 अरब रुपये पेंशन प्रतिवर्ष ब्रिटेन जाता रहें।
इसके अलावा और भी बहुत रहस्य गोपनीय है जो पूर्वार्ति सरकारों ने छुपा रखा है जिसका पता चलना देश हित में बहुत आवश्यक है इसलिए मोदी जी का २०२४ में प्रधाममंत्री बनना अतिआवश्यक है।
स्वतन्त्र भारत का इतिहास गवाह है कि जब भी भारत में मजबूत नेताओं ने सत्ता संभाली जैसे लाल बहादुर शास्त्री जी तो उनकी हत्या करवाई गई यह सभी को पता है कि उन्हे कैसे ताशकंद में खाने में जहर दिया गया.. ,सुभाष चंद्र बोस की मौत आदि रहस्य बनकर रह गई........
इसी तरह हमारी स्वतंत्रता भी एक रहस्य बनी है
इस लिए राष्ट्रहित में सभी देश भक्तों का एकजुट होना बहुत आवश्यक है।
इसलिए सभी सनातनी भारतवासियों से अपील है कि अपना निज स्वार्थ, ऊंच नीच, जातिवाद, क्षेत्रवाद, प्रांतवाद के भेदभाव मिटाकर, देश धर्म और आनेवाली पीढ़ी की रक्षा, सुख शांति समृद्धि के लिए 2024 मे मोदी जी को भारी जनादेश देकर प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपना १००% योगदान करे..,यह आज के समय की मांग समझिए और दूसरा कोई विकल्प ही नही है।
वरना देश के स्वार्थी, भ्रष्टाचारी नेताओ और टुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थक भारत को बर्बाद कर देंगे। देश जो आज मोदी जी के दस साल के प्रयास से विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बनकर  विश्व शक्ति बनने की राह पर चल रहा है उसे फिर से विपक्षी नेता और पार्टियां आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त होकर दसवीं पायदान पर पहुंच देंगे।
इसीलिए हमें सतर्क और सावधान भी रहने की जरुरत है नही तो स्वार्थी  विपक्षी दल और कुकुर मुत्ते की तरह फैले सोशल मीडिया न्यूज चैनल चंद रुपयों की लालच में जी जान लगाकर जनता को गुमराह करने की मुहिम में लगे है और मोदी जी को बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रहे है जिससे मोदी जी दुबारा सत्ता में ना लौटे l...…

इस लिए हर भारतीय को अपनी आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन देने के उद्देश्य से मोदी जी को प्रचंड बहुमत से पुनः प्रधानमन्त्री बनाने के लिए सभी भारतीयों को.मोदी लाओ देश सुरक्षित बनाए रखो का नारा जन जन तक पहुंचना है।

#OnceMoreNAMO #VoteForNAMO 

जय हिन्द जय भारत।। जय हो सनातन संस्कृति की।।


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