Tuesday 24 March 2020

जब भारतीय परिवारों की हजारों साल पुरानी शंख व घंट ध्वनि की दैनिक परंपरा जीवंत हो गयी

भारत देवताओं व ॠषि-मुनियों की भूमि है जहाँ वैदिक मंत्रोंच्चारण व यज्ञो के माध्यम से असंभव कार्यों व बीमारीयो का समाधान किया जाता रहा है, यहाँ शंख व घंट ध्वनि की परंपरा दैनिक जीवन में प्रातः व सांध्य वंदन के समय युगों पुरानी है जिसे राक्षसी प्रवृत्ति के विदेशी आक्रमणकारियों ने हजारो बार आक्रमण कर वैदिक साहित्य व संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट करने का प्रयास किया लेकिन भारतीय ब्रम्हषियो की संतानों में वैदिक संस्कृति इस तरह समाहित है कि वे जड़ से समाप्त नहीं कर पाये। यही कारण है कि आज भी हम बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान वैदिक मंत्रों ऋषि मुनियों व पूर्वजों की कृपा से ढूंढ लेते है आज जब पुरा विश्व कोरोना वायरस जैसी महामारी से प्रभावित है ऐसे में एक बार फिर से हजारों साल पुरानी शंख व घंट ध्वनि परंपरा का सहारा लेकर विषाणुओं को हवा में ही नष्ट करने का सफल प्रयास हम सबने मिलकर किया है।
हाल में ही आयोजित ऐतिहासिक जनता कर्फ्यू  का लगभग 100% सफल होना यह सिद्ध करता है कि भारतीय संस्कृति की जड़ें इतनी मजबूत है कि भारतवासी मानवता व वैदिक परंपरा की रक्षा के लिए कभी भी एक आवाज पर संगठित हो सकते है सिर्फ आवाज देने वाले का उद्देश्य सही होना चाहिए। लोग इसको अलग-अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं कुछ लोगो का कहना है कि, ये जनता का सुरक्षित जीवन के प्रति डर या भारतीय सामाज की सवेंदनशील सोच या शायद देश प्रेम की वजह से संभव हुआ, लोग चाहे जो भी कहे लेकिन जिस तरह से रविवार 22 माच॔ की शाम को ठीक 5 बजे देश के हर गाँव, शहर, गली-मोहल्ले, में अमीर से अमीर जैसे देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी से लेकर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन तक व गरीब से गरीब परिवार के प्रत्येक व्यक्तियों का एक साथ खड़े होकर शंखनाद नाद करना, तालियों की गडगडाहट व घंटो की आवाज, महिलाओं बुजुर्गों व बच्चों की उत्साहित भागीदारी ने ये सिद्ध कर दिया कि भारतीयों का युगों पुरानी वैदिक व्यवस्था पर आज भी अटूट विश्वास है। जिस का नजारा आजादी के बाद पहली बार देखने को मिला, जब देश का हर घर मंदिर प्रतीत हो रहा था। जो भारतीय संस्कृति सभ्यता को जीवंत बनाए रखने का मोदी जी का एक अद्भुत प्रयोग और अगली पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का एक बड़ा सदेंश भी था।
कोरोना महामारी के वजह से ही सही लेकिन देश की जनता ने पूरे विश्व को भारत की संस्कृति, संवेदनशीलता व जिम्मेदारी के भाव, लोकतांत्रिक सोच और राष्ट्र के प्रति नागरिक सम्मान के भाव का जो सदेंश जनता कर्फ्यू को सफल बनाकर दिया है ये अतुलनीय है। यह विजय नाद देश को कोरोना वायरस जैसे  दानव से आगे लड़ने में संयम प्रदान करेगा और भारत के नागरिक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नवदुर्गा की कृपा से कोरोना महामारी को परास्त करेंगे। देश का प्रत्येक नागरिक प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभारी है जिन्होंने कोरोना वायरस के खौफ के इस माहौल में भी बिना त्यौहार के, त्योहार जैसी स्थिति पैदा कर लोगों को भयमुक्त बना दिया तथा पूरे देश में एक साथ एक नियत समय पर शंखनाद करवाकर भारतीय संस्कृति सभ्यता को गौरवान्वित कर दिया। अब जनता साहस व विश्वास के साथ इस महामारी का मुकाबला सावधानी व संयम से करने के तैयार हो गयी है।
जय हिंद जय भारत। । 


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