Friday 23 February 2024

विकसित भारत के लिए युवाओं की भूमिका

आईए हम बात करते है अपने देश भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा करने में यूवाओ की भूमिका पर, विषय पर आगे बढ़ने से पहले हम देश की आर्थिक स्थिति पर थोड़ा नजर डाल लेते है क्या देश की वर्तमान स्थिति ऐसी है की भारत विकसित राष्ट्र बन पाएगा। भारत निश्चित रूप से एक विकसित राष्ट्र बन सकता है क्यों की आज देश में एक मजबूत एवम पूर्ण बहुमत की सरकार है। इसका सबसे बड़ा प्रणाम इस बात से मिलता है कि कोरोना काल के बाद से जहां विश्व के लगभग सभी यूरोपीय, पश्चिमी और एशियन देशों की अर्थव्यव्स्था लगातार नीचे की तरफ जा रही है अमेरिका ब्रिटेन चीन जापान जैसे आर्थिक रूप से मजबूत देशों की सालाना आर्थिक विकास वर्तमान में केवल 2-3 % की दर से आगे बढ़ रही है वही हमारे देश भारत की अर्थव्यवस्था 6-7% की दर से बढ़ रही है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के विशेषज्ञों का मानना है की आने वाले वर्षो में भारत की अर्थ व्यवस्था लगातार इसी गति से आगे बढ़ती रहेगी। इसके ठीक विपरीत पूरे विश्व में सालाना महंगाई दर जहां 7-8% की दर से बढ़ी है वहीं भारत में मंहगाई दर संतुलित होकर 3-4% पर आ गई है। वर्तमान में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 बिलियन डॉलर पहुंच गया है और लगातार तेज गति से प्रति वर्ष वृद्धि कर रहा है। आज भारत, रूस, यूएई, मॉरिशस, श्रीलंका बांग्लादेश, फिजी,कतार, इजरायल, मलेशिया जैसे लगभग 15 महत्वपूर्ण देशों के साथ भारत अपना व्यापार अपनी मुद्रा रूपए में करने की सहमति बना चुका है और कई अन्य देशों से बातचीत का दौर जारी है भारत की प्रगति और मजबूत भविष्य को देखते हुए बहुत सारे देश भारत के साथ रुपए में व्यापार करने के लिए इच्छुक है। 
आज हम आत्मनिर्भर, स्वच्छ और ग्रीन भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे है जिससे देश में लगातार रोज़गार की बढ़ोतरी हो रहीं है हमारा आयात निर्यात सुदृढ़ और संयमित तरीके से आगे बढ़ रहा है देश में स्वास्थ्य सड़क और सुरक्षा सुदृढ़ हो रहा है क्रूड ऑयल के आयात पर निर्भरता कम हो रहा है आज भारत सौर व वायु ऊर्जा का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। आज भारत अमेरिका के बाद विश्व का सबसे बड़ा स्टार्टअप वाला देश बन गया है। यही कारण है की आज भारत ब्रिटेन को चौथे स्थान से छठे स्थान पर ढकेलते हुए 4 ट्रिलियन क्षमता के साथ विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया और भारत सरकार नीति आयोग का लक्ष्य है की 2027 तक देश की आर्थिक व्यापारिक क्षमता को छः ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाना है। जिस गति से वर्तमान सरकार कार्य कर रही है यदि यही गति जारी रही तो निःसंदेह आने वाले वर्षो में भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जायेगा। 

आईए अब हम समझते है कौन विकसित राष्ट्र है और कौन विकसित राष्ट्र की श्रेणी में आ सकता है। 
सामान्य तौर पर विकसित राष्ट्र उसे कहते है जिस देश का औद्यौगिक प्रगति उच्च स्तर का हो साथ में तकनीकी व सेवा क्षेत्र भी उन्नति कर रहा हो, प्रति व्यक्ति मासिक आय उच्चतर होने के साथ लोगो का जीवन स्तर बेहतर हो, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास ऐसा हो की उद्योग और आम जनता के लिए परिवहन व्यवस्था बहुत सुलभ और उच्च स्तर का हो, वित्तीय व्यापारिक लेन देन सुगम सरल हो, स्वास्थ्य और शिक्षा देश के प्रत्येक नागरिक को आसानी से सुलभ हो जिससे देश के नागरिकों की आयु सीमा अधिकतम सुनिश्चित हो सके। 
इस प्रकार यदि विकसित राष्ट्र की परिभाषा को आधार माने तो भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बनते ही ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए विकासशील राष्ट्र की श्रेणी से ऊपर आ चुका है लेकिन विकसित राष्ट्र बनने से अभी बहुत पीछे हैं क्यों कि वर्तमान में देश की जनसंख्या चीन की जनसंख्या को पीछे छोड़ते हुए विश्व की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है जो भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी से बाहर कर देता है जब की ब्रिटेन की वार्षिक अर्थव्यवस्था भारत से कम होने बावजूद आज भी विकसित राष्ट्र की श्रेणी में है क्यों की ब्रिटेन के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय 52 हजार डालर है और भारत की जनसंख्या के अनुसार देश का प्रति व्यक्ति आय केवल लगभग 3 हजार डालर है जिसे विकसित राष्ट्र की श्रेणी में आने के लिए वार्षिक अर्थव्यवस्था वर्तमान 4 ट्रिलियन से पांच गुना अधिक होना चाहिए यानी जब भारत की अर्थव्यवस्था 20 ट्रिलियन से अधिक और प्रति व्यक्ती आय 12000 डॉलर से अधिक हो जायेगा तब भारत विकसित राष्ट्र कहलाएगा और अमरीका को पीछे छोड़ते हुए विश्व का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनने के लिए भारत की अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होना चाहिए जो सम्भवतः 2045 तक हासिल किया जा सकता है यदि भारत की विकास गति बिना रुके लगातार वर्तमान गति से चलता रहे। 

अब हम बात करते है युवा भारत देश को कैसे विश्व गुरू बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है आज भारत में 35 वर्ष की आयु की जनसंख्या लगभग 65% है जो भारत को विश्व में सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाला देश बनाता है और देश की आर्थिक प्रगति का एक बड़ा मज़बूत आधार भी आज युवा ही है क्यों कि युवाओं की जनसंख्या अधिक होने से देश में उपभोक्ताओं की संख्या के साथ ही सस्ते कामगारों की उपलब्धता भी बढ़ी है जिसकी वजह से विश्व के लगभग सभी बड़े ब्रांड आईफोन हो या टेस्ला या सिट्रोएन भारत में अपना उत्पादन शुरु कर रहे है। ऐसी सकारात्मक स्थिति में जब पूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है तब तो निश्चित ही भारत के युवाओं को भी भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। 
भारत विष्व गुरु कैसे बने इस बात को समझने के लिए हम सबको चीन की आर्थिक विकास की नीति को भी समझनी होगी जिसको आधार बनाके आज चीन विश्व की सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद 18 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था और 13000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय के साथ विश्व की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति बना है। जब हम चीन की आर्थिक प्रगति का गहन अध्यन करते है तो हमें पता चलता है चीन की सरकार ने घर घर गांव गांव उद्योग की स्थापना करके प्रति व्यक्ति आय को 13000 डॉलर तक पहुंचा दिया चीन की इसी नीति को अपनाते हुए भारत सरकार नीति आयोग ने भी आत्मनिर्भर भारत make in India का नारा देते हुए युवाओं को उद्योग स्थापित कर स्व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए Startup India Mudra loan, MSME loan जैसी बहुत सी योजनाओं के तहत पीछले 8 सालो में बड़े पैमाने पर लोन दिया है जिसमे युवा उद्योग को प्राथमिकता दिया जा रहा है जिसका परिणाम यह हुआ की आज भारत में प्रति व्यक्ति आय लगभग 3 हजार डॉलर पहुंच गया जो की 2014 में पगभग 1200 डॉलर था।
जब भारत सरकार देश को विश्व की महाशक्ति बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है ऐसी स्थिति में देश की युवा आबादी को भी अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए सरकार को नीतियों का सहयोगी बनकर Make in India Start-up India योजनाओं को जमीन स्तर लागु करने पर अपनी भूमिका निभानी चाहिए। 

वैसे केवल आर्थिक विकास से ही कोई देश विश्व गुरु नही बन सकता इस लिए भारत जैसे युवा देश में युवाओं की जिम्मेदारी केवल रोज़गार पाने या उद्योग तक ही सीमित नहीं होती है बल्कि युवाओं को भारत का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए भारत के सामाजिक एवम राजनीतिक विकास,  वैज्ञानिक अन्वेषण एवम तकनीकी विकास, ( SPST - Social Political Scientific Research and Technical Development) में महत्तवपूर्ण भूमिका निभानी होगी.

जब हम सामाजिक विकास की बात करते है तो युवाओं को अपने धर्म, संस्कृति, कला, परंपरा को संरक्षित करने अपनाने पर जोर देना चाहिए और पश्चिमी संस्कृति की जीवन शैली के नाकारात्मक प्रभाव से लोगो को जागरूक करने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी। जातिवाद क्षेत्रवाद की सीमा की सीमा से बाहर निकलकर एक स्वच्छ हरित वातावरण विकसित करना चाहिए जिसमे हम युवा महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है।

राजनीतिक विकास की बात करे तो युवाओं को राजनीतिक कार्यों में सक्रियता निभानी चाहिए जिससे भारत जैसे युवा देश के सदन में पढ़े लिखे ईमानदार छवि के युवा प्रतिनिधि सदन में अधिक संख्या में पहुंच सके यह इस लिए भी जरूरी है की हम सदन से बाहर रहकर भ्रष्टाचार के विषय में केवल चर्चा कर सकते है लेकिन यदि सच में हम भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना चाहते है और देश को विकसित राष्ट्र बनाना है तो युवाओं को आर्थिक विकास के साथ साथ राजनीतिक हिस्सेदार भी बनाना पड़ेगा अपने गांव समाज के लोगो को अधिक संख्या में जातिवाद क्षेत्रवाद की सीमा से बहार रहकर क्षेत्र व देश के विकास के लिए वोट करने के लिए लोगो को जागरूक करना होगा।

वैज्ञानिक विकाश की बात करे तो हम युवाओं को चंद्रयान, कोरॉना वैक्सीन और नैनो यूरिया जैसी वैज्ञानिक अन्वेषण के विकास में अपनी भागीदारी बढ़ानी चहिए जिससे की देश की जनता को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता की खाद्य सामग्री सुलभ हो सके एवम देश के नागरिको की जीवन प्रत्याशा में वृद्धि सुनिश्चित हो। 

तकनीकी विकास की बात करे तो डिजिटल,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक तकनीकी के विकास में भी युवाओं को अपनी भागीदारी निभानी चाहिए जिससे देश में बैंकिंग सुविधाओ को सरल बनाया जा सके और सामाजिक दूरी कम कर ग्लोबल स्तर पर व्यापारिक गतिविधियों को और गति प्रदान किया जा सके।

इस प्रकार देश के युवा सरकार के साथ स्वयं सेवक बनकर भारत को सांस्कृतिक सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक रूप से एक समृद्ध विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
 
इस लिए युवा देश के नौजवानों केवल रोजगार पाने की उम्मीद में मत बैठे रहो बल्कि उद्यमी बनो रोजगारों पैदा करो सभी समस्यायों के लिए केवल सरकार को दोष मत दो बल्कि स्वयं से समाधान खोजो और लोगो को समाधान दो। 

जय हिंद जय भारत जय युवा ।। 


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